Hindi Shayari

20+ मक्कारी पर शायरी | Best Makkari Shayari In Hindi

मक्कारी पर शायरी: ज़िंदगी में बहुत से लोग आते हैं उनमें से कुछ चालाक लोग, कुछ दोगले और कुछ घटिया लोग भी होते हैं जिन पर हम पहले शायरी लिख चुके हैं। लेकिन कुछ मक्कार लोग भी होते हैं जिन पर आज हम मक्कारी पर शायरी लेकर आये हैं।

मक्कार लोग वह लोग होते हैं जो यह देखे सोचे बिना की आप उन पर कितना विश्वास करते है वह लोग आपके साथ मक्कारी कर जाते हैं।

 

यदि आपको मक्कारी शब्द की जानकारी नहीं तो हम आपको बता दें कि मक्कारी करना अर्थात किसी के साथ कपट एवं फरेब करना। ज़िंदगी में आपको बहुत से ऐसे लोग देखने को मिल जाएंगे जो आपकी ज़िंदगी मे आकर आपके साथ मक्कारी कर गए। ऐसे लोगों को समर्पित आज की मक्कारी पर शायरी है।

 

इस शायरी को आप अपनी ज़िंदगी में आये उन मक्कार लोगों को भेज कर उन्हें उनकी गलती का एहसास कराने की कोशिश कर सकते हो तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं मक्कारी पर शायरी।

 

मक्कारी पर शायरी | Makkari Shayari In Hindi

 

मक्कारी पर शायरी
मक्कारी पर शायरी

क्या गुण पाए हो अदाकारी का

तुम्हें तो अवार्ड मिलना चाहिए मक्कारी का

 

 

अपनी मक्कारियों को तू छुपा ना पाएगा

एक दिन उपरवाली की नजर में आएगा

 

 

उसके झूठ और मक्कारी लोगों को सुनाता हूँ

शायरी में ज़िक्र कर उसका लोगों को बताता हूँ

 

 

धोखेबाजों से भरी दुनियां यह सारी है

हर दूसरे बन्दे के अंदर मक्कारी है

 

 

Makkari par shayari
Makkari par shayari

झूठों मक्कारों से वो चाहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं

अपने इस वफादार आशिक को ठुकराए बैठे हैं

 

 

तेरे तो खून में ही बहती थी मक्कारी

भला तू कैसे वफादारी से निभाता यारी

 

 

हम जिनके तलबगार थे

वो निकले सब मक्कार थे

 

 

झूठ फरेब और यह मक्कारी

इस पर ही चलती है दुनियाँ सारी

 

 

मक्कारी शायरी हिंदी

झूठे, फरेबी और मक्कार बहुत देखे

मगर कोई तुमसा ना देखा आज तक

 

 

हमने खुद्दारी देख उसकी

उसके साथ लगाई थी यारी

मगर वो कर गया मक्कारी 

 

 

किरदार में मेरे भले अदाकारी नहीं

पर मेरे बहते खून में मक्कारी नहीं

 

 

हमें जिनके बारे में लगता था कि वो हैं खुद्दार

वो ही बदल गए और निकले मक्कार 

 

 

मेरे अपनों ने ही कि मेरे साथ मक्कारी

आकर ज़िंदगी में कर गए गद्दारी

 

 

जो थी हमें अपनी जान से भी ज्यादा प्यारी

वो हमारे साथ कर गयी मक्कारी

 

 

चाहत में तेरी मैं नीलाम हो जाऊं

तू झूठ और मक्कारी छोड़ दे

तो मैं तेरे नाम हो जाऊं

 

 

धोखेबाजो जैसी लगाना यरी सिखा दो

कोई मुझको भी मक्कारी सिखा दो

सुना है ज़हर को ज़हर ही मारता है

 

 

दोस्तों यह कुछ मक्कारी पर शायरी संग्रह था जिसमें हमने मक्कार लोगों पर शायरी हिंदी में आपके साथ साँझा की। आप यह शायरी उन मक्कार दोस्तों या जानने वालों को ज़रूर भेजना जिन्होंने आपके साथ मक्कारी की है। धन्यवाद

 

Read More:

विश्वासघात पर शायरी

चुगलखोरों पर शायरी

Related Articles

Back to top button