जॉइन्ट टर्म इंश्योरेंस चुनने के अनेक फायदे

अक्सर लोग इंश्योरेंस की बात खुद के लिए या परिवार के लिए करते हैं। लेकिन क्या हो अगर सिर्फ आपके और आपके पार्टनर के लिए एक खास प्लान हो? यहीं आता है जॉइंट टर्म लाइफ इंश्योरेंस, एक ऐसा प्लान
जो आपको और आपके जीवनसाथी को एक साथ सुरक्षा देता है।
अलग-अलग पॉलिसी लेने की झंझट नहीं, बस एक ही प्लान जो दोनों को कवर करता है। इस ब्लॉग में जानिए कि यह कैसे काम करता है और क्या यह आपके लिए सही ऑप्शन हो सकता है।
जॉइंट लाइफ टर्म इंश्योरेंस प्लान क्या है?
जॉइंट टर्म इंश्योरेंस – लाइफ इंश्योरेंस का एक ऐसा प्लान है जिसमें दोनों पति-पत्नी या बिज़नेस पार्टनर एक ही पॉलिसी के तहत कवर होते हैं। अगर पॉलिसी के दौरान किसी एक की डेथ हो जाए, तो दूसरे व्यक्ति को सम एश्योर्ड मिलता है। इससे सबसे ज्यादा मदद तब मिलती है जब कोई लोन हो, बच्चों की पढ़ाई या सिर्फ रोजमर्रा के खर्च हो।
अलग-अलग प्लान लेने की जरूरत नहीं होती, जिससे यह आसान और किफायती बनता है। डाक्यूमेन्टैशन की झंझट नहीं होती। चूंकि ये टर्म प्लान है इसमें मट्युरिटी बेनेफिट नहीं होता।
जॉइंट लाइफ टर्म इंश्योरेंस प्लान के मुख्य फायदे
- दोनों के लिए सुरक्षा – दो अलग-अलग पॉलिसी लेने से बेहतर है की एक ही पॉलिसी में दोनों को कवर किया जाए। इससे प्रीमियम भी कम लगता है। मतलब पैसे की बचत।
- फाइनेंशियल सिक्योरिटी – अगर किसी एक को कुछ हो जाता है, तो दूसरे को फाइनेंशियल सपोर्ट मिलता है।
- टैक्स बेनिफिट्स – इंश्योरेंस लेने से आपको टैक्स में भी छूट मिलती है। प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है। मतलब की डबल बचत का मौका।
- कम डॉक्युमेंटेशन – चुकीं इसमें एक ही पॉलिसी ली जाती है तो प्रोसेस भी आसान हो जाती है कम से कम डॉक्युमेंट्स में।
- अतिरिक्त सुरक्षा के लिए राइडर्स – जॉइन्ट टर्म इंश्योरेंस में आप एक्स्ट्रा कवर भी जोड़ सकते हैं जैसे क्रिटिकल इलनेस, एक्सीडेंट कवर।
- पेआउट ऑप्शंस – इस पॉलिसी में या तो आप एक साथ पैसा ले सकते है या फिर हर महीने एक निश्चित रकम पा सकते हैं।
- कन्वर्शन ऑप्शन – कुछ पॉलिसीज में कन्वर्शन ऑप्शन भी मिलता है। ज़रूरत के मुताबिक आप इसे किसी और लाइफ इंश्योरेंस में बदल सकते हैं।
- मानसिक शांति – जब आपके पास सही इंश्योरेंस होता है तब आप सुकून से ज़िंदगी जीते है। आपको तसल्ली होती है की अगर कोई अनहोनी हुई तो आपका पार्टनर फाइनेंशियल तौर पर सेफ़ है।
इन्डविजूअल प्लांस के मुकाबले है किफ़ायती
जब दो लोग अलग – अलग पॉलिसी लेते हैं तब प्रीमियम ज्यादा देना पड़ता है। साथ ही डॉक्युमेंट्स भी ज्यादा होते है। जब बात कम खर्च में दुगनी सुरक्षा की हो, तब जॉइन्ट टर्म इंश्योरेंस सही होता है। ऐसे ही कुछ बातें है जो इसे इन्डविजूअल प्लान से बेहतर और किफ़ायती बनाती है। आइए जानते है,
फ़ीचर | जॉइंट टर्म इंश्योरेंस | इन्डविजूअल प्लान |
कवरेज | एक पॉलिसी में दो या ज़्यादा लोगों को कवर करता है | सिर्फ़ एक व्यक्ति को कवर करता है। |
प्रीमियम कोस्ट | दो अलग-अलग पॉलिसी की तुलना में सस्ता होता है। | जॉइंट पॉलिसी की तुलना में प्रति व्यक्ति आम तौर पर ज़्यादा। |
भुगतान | या तो पहले मृत्यु होने पर या दोनों के गुजरने के बाद भुगतान करता है। | जिसकी पॉलिसी है उसकी मृत्यु पर रकम मिलती है। |
फ़्लेक्सिबिलिटी | चूंकि ये एक से ज्यादा लोगों से जुड़ा है, रिश्ते में बदलाव पॉलिसी को मुश्किल कर सकता है। | जॉइन्ट टर्म की तुलना में ज्यादा फ्लेक्सिबल है। दूसरी पॉलिसी से लेनदेन नहीं होता। |
बेनिफिशियरी | जॉइंट पॉलिसी के प्रकार पर बेनिफिशियरी को भुगतान मिलता है। | इन्शुर्ड व्यक्ति की मृत्यु पर बेनिफिशियरी को भुगतान मिलता है। |
पॉलिसी जारी रहना | किसी एक की मृत्यु होने पर ये पॉलिसी खत्म हो जाती है या दोनों के गुजरने तक जारी रहती है। | दूसरे साथी की पॉलिसी पर कोई असर नहीं पड़ता। |
किसके लिए सही | ऐसे कपल्स या बिज़नेस पार्टनर्स के लिए सही है जो एक साथ कवरेज चाहते हैं। | ये उनके लिए सही है अपनी अलग पॉलिसी अपनी ज़रूरत के अनुसार चाहते हैं। |
एस्टेट प्लानिंग | पहले की मृत्यु के बाद दूसरे के एस्टेट प्लानिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। | इसे एस्टेट प्लानिंग के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता। |
तलाक़/अलगाव का प्रभाव | तलाक़, अलगाव या पार्ट्नर्शिप टूटने पर पॉलिसी मैनेज करना मुश्किल होता है। | कोई असर नहीं पड़ता क्योंकि हर पॉलिसी इंडिपेंडेंट है। |
दोनों पार्टनर्स के लिए संपूर्ण सुरक्षा
- जॉइन्ट टर्म इंश्योरेंस खासकर के पार्टनर्स के लिए बनाया गया है। चाहे वो हज़्बन्ड वाइफ हो या बिज़नेस पार्टनर्स। इसमें दोनों को कवरेज मिलता है जो इन्डविजूअल प्लांस में नहीं मिलता।
- यहाँ दोनों ही कवर किए जाते है और किसी एक के साथ अनहोनी होने पर दूसरे को फाइनेंशियल सपोर्ट मिलता है।
- कुछ प्लांस में दोनों के निधन तक कवरेज दिया जाता है।
- दो पॉलिसी के बजाय एक पॉलिसी मैनेज करना आसान हो जाता है।
आसान पॉलिसी मैनेजमेंट
- अलग-अलग पॉलिसियों के बजाय, दोनों पार्टनर्स को एक ही पॉलिसी में कवरेज मिलता है।
- सिंगल इंश्योरेंस पॉलिसियों की तुलना में कम डाक्यूमेन्टैशन होता है।
- दो लोगों के लिए एक ही प्रीमियम भरना पड़ता है।
- कई बार पॉलिसी लैप्स हो जाती है जब रिन्युअल डेट याद नहीं होती। यहाँ आपको एक ही डेट याद रखने की ज़रूरत है।
- इसे ट्रैक और अपडेट करना आसान हो जाता है, साथ ही दोनों के पास इनफार्मेशन होती है।
सर्वाइविंग पार्टनर के लिए सहारा
अक्सर ये देखा गया है की घर के पुरुष ही अपने लिए पॉलिसी लेते हैं और फिर अपनी पत्नी को नॉमिनी बनाते है। उनके बाद नॉमिनी को रकम ज़रूर मिलती है लेकिन जब इसका उलट हो तब कुछ हासिल नहीं होता। साथ ही कई बार महिलाओं को कवर नहीं मिलता। यही फायदा मिलता है जॉइन्ट टर्म इंश्योरेंस से।
- एक पार्टनर की मृत्यु के बाद दूसरे के लिए ये रकम सहारा होती है।
- इस रकम को चाहे को लम्प सम या फिर हर महीने इंकम की तरह लिया जा सकता है।
- जब कमाने वाले की मृत्यु हो तब लोन्स का पहाड़ पार्टनर पर आता है। ऐसे में में लोन चुकाने में मदद करता है।
- पैसों का इस्तेमाल बच्चों की देखभाल और शिक्षा के लिए किया जा सकता है।
- रोज़मर्रा के ख़र्चे जैसे किराना, बिजली बिल, और ट्रैन्स्पर्टेशन , इनमें राहत मिलती है।
- पार्टनर की मृत्यु के बाद सर्वाइविंग पार्टनर पहले की ईमोशनल ट्रॉमा से गुजर रहा होता है। ऐसे में फाइनेंशियल स्ट्रेस झेलना मुश्किल हो जाता है। इसलिए जॉइन्ट टर्म इंश्योरेंस सर्वाइविंग पार्टनर को इस मुसीबत में सहारा देता है।
जॉइंट टर्म इंश्योरेंस के टैक्स बेनिफिट्स
1. प्रीमियम पर टैक्स छूट (Section 80C)
- सालाना ₹1.5 लाख तक टैक्स छूट।
- दोनों पॉलिसीहोल्डर्स इस छूट का अलग-अलग फायदा ले सकते हैं।
- PPF, ELSS, होम लोन प्रिंसिपल रीपेमेंट जैसी इन्वेस्टमेंट्स के साथ कंबाइन होती है।
2. डेथ बेनिफिट टैक्स फ्री Section 10 (10D)
- इंश्योर्ड व्यक्ति की मृत्यु पर मिलने वाली जो रकम नॉमिनी को मिलती है, वह पूरी तरह टैक्स-फ्री होती है। लेकिन प्रीमियम सम इंश्योर्ड के 10% से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
3. राइडर्स पर भी टैक्स छूट (Section 80D)
- हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़े सेक्शन 80D के तहत क्रिटिकल इलनेस, एक्सीडेंटल डेथ राइडर का प्रीमियम टैक्स फ्री।
4. दोनों पॉलिसीहोल्डर्स के लिए ज्यादा टैक्स सेविंग
- जॉइन्ट पॉलिसी होने के नाते दोनों पार्टनर्स अलग – अलग टैक्स बेनिफिट क्लेम कर सकते हैं।
जॉइंट टर्म इंश्योरेंस किसके लिए सही है?
- शादीशुदा कपल्स के लिए ये बेहतरीन ऑप्शन है क्योंकि ये दोनों को फाइनेंशियल सिक्योरिटी देता है।
- जो कपल्स होम लोन या कोई लोन में पार्टनर होते है उनके लिए ये सही ऑप्शन क्योंकि इससे एक के जाने के बाद दूसरे पर लोन का बोझ नहीं पड़ता।
- ये उन लोगों के लिए सही है जो दूसरों को फ़ाइनेंशियल बोझ नहीं देना चाहते या उनका कोई अपना पास ना हो।
- जिस घर में कमाने वाला सिर्फ एक हो उन्होंने ये इंश्योरेंस ज़रूर लेना चाहिए।
- जिन्हें बचत में भरोसा है उनके लिए ये सही है क्योंकि इसमें सिंगल प्रीमियम पर डबल बेनेफिट्स मिलते है।
- उम्र के साथ पॉलिसी का प्रीमियम भी महंगा होते जाता है, इसलिए रिटायरमेंट के बाद भी सिक्योरिटी के लिए ज्यादा उम्र वाले कपल्स ने इसे ज़रूर लेना चाहिए।
- बिज़नेस पार्टनर्स भी इस लोन का फायदा उठा सकते हैं ताकि एक के जाने के बाद बिज़नेस पर असर ना पड़े।
निष्कर्ष
अगर आप जॉइन्ट टर्म इंश्योरेंस लेते हैं तो सबसे अहम ये है की आपके बाद आपके पार्टनर चाहे वो लाइफ पार्टनर हो या बिज़नेस पार्टनर उन्हें फाइनेंशियल सपोर्ट मिलता है। इससे ज़िंदगी की गाड़ी थमती नहीं।
लोन के बोझ तले दबने के बजाए वो आराम से अपनी ज़िंदगी बीता सकते है।
मुश्किल समय में आपके पार्टनर का सहारा बनने वाले इस लोन को ज़रूर अपनाएं। लेकिन हमेशा याद रखें की पॉलिसी लेने से पहले आपके एडवाइज़र से सटीक जानकारी ज़रूर लें ताकि आपका सहारा सिर दर्द का बन जाएं।