Best 10 वो मुझे समझ न सके शायरी (२०२२)
वो मुझे समझ न सके शायरी: जब कोई हमें समझ नहीं पाता तो इससे हमें ज्यादा फर्क नहीं पड़ता मगर तब दर्द होता है जब कोई अपना ही हमें नहीं समझता। हम कभी किसी को इतना चाहते हैं या फिर अपना मानते हैं कि हम उसकी हर बात को समझते हैं मगर जब कभी हमें उसकी जरूरत हो और वो हमें न समझे तो तकलीफ होती है।
इस पर ही हम आपके सामने वो मुझे समझ न सके शायरी पेश कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह शायरी आपको पसंद आएगी और आपके दर्द को कम भी करेगी तो चलिए दोस्तों इस शायरी को शुरू करते हैं।।
अगर वो पूछ लें हमसे | Best Agar Woh Puchle Humse Poetry (2022)
वो मुझे समझ न सके शायरी
वो मुझे समझ न सके के मै उसे कितना चाहता था लोग पूछते थे उसके बारे में तो मैं सबको मेरी जान है बताता था।।
Woh mujhe samjh na sake
Ke main kitna chahta tha
Log puchte the uske baare mein toh
Main sabko meri jaan hai batata tha…
काश वो मेरे दिल की बात जान जाते काश वो मेरे इश्क़ को पहचान जाते बहुत टूट कर चाहा था उसको हमने काश वो हमें भी थोड़ा सा चाहते।।
Kaash woh mere dil ki baat jan jate
Kaash woh mere ishq ko pehchan jate
Bahut toot kar chaha tha usko humne
Kaash woh humein bhi thoda sa chahte…
भरोसा न करो किसी पर भी कभी कभी अपने भी बदल जाते हैं दर्द समझते तो सब हैं मगर अनदेखा सा कर निकल जाते हैं।।
Bharosa na karo kisi par bhi
Kabhi kabhi apne bhi badal jate hain
Dard samjhte toh sab hain magar
Andekha sa kar nikal jaate hain…
वो मुझे समझ न सके शायरी sad
समझते नहीं वो मेरे जज़्बातों को मेरे इश्क़ का मज़ाक बनाते हैं मैं उसके लिए मरने को तैयार रहता हूँ और वो मुझे पागल बताते हैं।।
Samajhte nahi woh mere jazbaat ko
Mere ishq ka mazak banate hain
Main uske liye marne ko teyar rhta hu
Aur woh mujhe pagal batate hain…
काश तू मेरे इश्क़ को जान पाती कितना चाहता हूं तू पहचान पाती होती न तू कभी किसी और की गर एक बार मेरे पास चली आती।।
Kaash tu mere ishq ko jan paati
Kitna chahta hu tu pehchan paati
Hoti na tu kabhi kisi aur ki
Agar ek bar mere paas chali aati…
मुश्किल से हमने दिल को समझाया उस बेवफा सी लड़की को हमने भुलाया जिसके लिए मैं हर हद्द से गुजरा वो मुझे कभी समझ ही ना पाया।।
Mushkil se humne dil ko samjhaya
Us bewafa si ladki ko humne bhulaya
Jiske liye main har hadd se guzra
Woh mujhe kabhi samajh hi na paya…
वो समझे ही नहीं मेरे इश्क़ को कभी मैं बेवजह ही उनको चाहता रह गया।।
Woh samjhe hi nahi
mere ishq ko kabhi
Main bewajah hi unko
chahta reh gaya…
वो मुझे समझ न सके शायरी 2 line
मैंने उसको कितना चाहा वो जान न पाए मेरे इश्क़ को वो सच्चा मान न पाए।।
Maine usko kitna chaha wo jan na paaye
Mere ishq ko woh sacha maan na paaye…