10+ New Sad Nafrat Shayari | नफरत क्या है?
नफरत जिससे भी हो जाए उसे हम फिर कभी प्यार नहीं कर सकते, आपने प्यार पर बहुत सी शायरी पढ़ी होगी मगर आज हम आपके लिए नफरत पर Nafrat Shayari लेकर आये हैं। प्यार तो सभी करते लेकिन नफरत कोई कोई करता है आज ऐसे लोगों के लिए हम यह नफरत शायरी संग्रह लेकर आये हैं जो किसी से पहले प्यार करते थे मगर आज वो उस शक्स से नफरत करने लगे हैं।
प्यार मोहब्बत के आपने बहुत किस्से भी पढ़े सुने होंगे मगर नफरत की कहानियां कम सुनने को मिलती है मगर आज के ईस आर्टिक्ल में नफरत पर बहुत कुछ लिखा हुआ हम लेकर आये हैं। तो ज्यादा समय ना लेते हुए शुरू करते हैं नफरत शायरी इन हिंदी, इस नफरत शायरी को आप उन लोगों से साँझा कर सकते हैं जिनसे आप पहले कभी मोहब्बत करते थे मगर अब उनसे आप नफरत करते हो।
नफरत क्या होती है?
किसी से हमें जब नफरत होती है तो हमें वो शख्स अपने दुश्मन से भी ज्यादा बुरा लगने लगता है, नफरत होने के अलग अलग कारण वजहें हो सकती है। आज के मजूदा समय की बात करें तो लोगों में एक दूसरे के लिए बहुत नफरत बढ़ चुकी है लोग एक दूसरे को अपने से ऊपर उठता नहीं देख पाते और नफरत करने लगते हैं।
जब कोई किसी व्यक्ति की तरक़्क़ी को देख कर जलने लगता है और उसके समान नहीं पहुंच पाता तो वह व्यक्ति हमेशा सामने वाले से नफरत करने लगता है। यदि प्यार में नफरत की बात की जाए तो जब हम किसी से बहुत ज्यादा प्रेम करते हैं ओर सामने वाला हमारे प्यार की कद्र नहीं करता तो हमारा यह बहुत ज्यादा प्रेम धीरे धीरे नफरत में बदलने लगता है।
नफरत पर शायरी | Nafrat Shayari In Hindi
बहुत ज्यादा में प्रेम था करता
तुम पर मै बहुत ज्यादा था मरता
अब तेरी नफरत ने मुझे बदल दिया
मुझे तेरी नफरत ने पागल कर दिया
Bahut jyada mein prem tha karta
Tum par main bahut jyada tha marta
Ab teri nafrat ne mujhe badal diya
Mujhe teri nafrat ne pagal kar diya
प्रेम के इस जाल में तुम फंस ना पाए
मेरे प्रेम को तुम कभी समझ ना पाए
नफरत मेरी को अब तुम जान लेते हो
प्रेम मेरे को तुम ना पहचान लेते हो
Prem ke is jaal mein tum fans nahi paye
Mere prem ko tum kabhi samjh nahi paye
Nafrat meri ko ab tum jan lete ho
Prem mere ko tum na pehchan lete ho
प्रेमी था तेरा अब दुश्मन होने लगा हूँ
मैं तुमसे आजकल नफरत करने लगा हूँ
Premi tha tera ab dushman hone laga hu
Main tumse aajkal nafrat karne laga hu
आते जाते तुम मुझे रुलाते रहे
मेरे दिल में जागे प्यार को सुलाते रहे
मैने बहुत कोशिश की तुमसे नफरत ना हो
पर तुम धीरे धीरे मेरी नफरत को जगाते रहे
Aate jate tum mujhe rulate rahe
Mere dil mein jaage pyar ko sulate rahe
Maine bahut koshish ki tumse nafrat na ho
Par tum dhire dhire meri nafrat ko jagate rahe
तुम मेरे पास ऐसे आया ना करो
तुम मुझे हर रोज़ रुलाया ना करो
करना हो तो प्यार किया करो तुम मुझे
यह झूठी नफरत यूँ दिखाया ना करो
Tum mere paas aise aaya na karo
Tum mujhe har roz rulaya na karo
Karna ho toh pyar kiya karo tum mujhe
Yen jhuthi nafrat yun dikhaya na karo
तुम मुझे अपनी बातों से तड़पा देते हो
तुम मुझे हर रोज़ अपनी नफरत से रुला देते हो
Tum mujhe apni baaton se tadpa dete ho
Tum mujhe har roz apni nafrat se tula dete ho
तेरी आँखों में छुपे प्यार को देख बहक गया
तेरे दिल में छुपी नफरत कभी देख ना पाया
Teri aankhon mein chhupe pyar ko dekh bahak gaya
Tere dil mein chhupi nafrat kabhi dekh na paaya
तेरे मेरे दिल में यह दूरी आने लगी थी
जब तू मुझे अपनी नफरत दिखाने लगी थी
Tere mere dil mein yeh doori aane lagi thi
Jab tu mujhe apni nafrat dikhane lagi thi
प्यार जो तुम मुझसे इतना करते थे
कैसे इस प्यार को तुमने नफरत में बदल लिया
तुमने मेरे दिल आखिर क्यों ऐसे तोड़ दिया
मुझे तुमने इस दुनियाँ में अकेला छोड़ दिया
Pyar jo tum mujhse itna karte the
Kaise is pyar ko tumne nafrat mein badal liya
Tumne mere dil aakhir kyun aise Todd diya
Mujhe tumne is duniya mein akela chhod diya
हाँ दिल में मेरे तेरे लिए अब नफरत के सिवा कुछ नहीं
अब तुम मेरी दुनियाँ नहीं कोई और दुनियां बनाई है
Haa dil mein mere tere liye ab nafrat ke sivaa kuch nahi
Ab tum meri duniya nahi koi aur duniya banayi hai
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