30+ अश्कों पर शायरी | अश्क़ शायरी| Ashq Shayari
अश्क़ शायरी: दोस्तों हम आपके लिए अश्क़ों पर शायरी लेकर आये हैं, अश्क़ जो कभी किसी की कमी में झलक आते हैं और कभी किसी से मिलने की खुशी में अश्क़ हमारे सुख दुख में हमारे हमसफ़र हमारे साथी बनकर आँखों से छलक जाते हैं आज इन्ही अश्क़ों पर शायरी के संग्रह को हम आपके साथ साँझा करने वाले हैं हम उम्मीद करते हैं कि यह अश्क़ शायरी आपको पसंद आएगी।
अश्क़ शायरी | Ashq Shayari In Hindi
एक शक्स मेरे अश्कों में समाया है जिसकी याद में आंखों से यह अश्क़ आया है
Ek Shakhs Mere Ashqon Mein Samaya Hai Jiski Yaad Mein Aankhon Se Yeh Ashq Aaya Hai
मेरे बहते अश्कों को कोई सुखाने नहीं आया वो रुला कर छोड़ गया कोई चुप कराने नहीं आया
Mere Behte Ashqon Ko Koi Sukhane Nahi Aaya Woh Rula Kar Chhod Gaya Koi Chup Krane Nahi Aaya
जिसकी खातिर ठुकरा दिया था अपनों को आज वही मुझे रुलाने लगा है जिसकी खातिर अश्क़ दिए मैंने अपनों को आज वो मेरे अश्कों को झूठा बताने लगा है
Jiski Khatir Thukra Diya Tha Apno Ko Aaj Wahi Mujhe Rulane Lagaa Hai Jiski Khatir Ashq Diye Maine Apno Ko Aaj Woh Mere Ashqon Ko Jhutha Btane Laga Hai
मेरे दिल में रहते हो तुम, साँसों में समाए हो फिर क्यों आंखों को अश्क़ देकर, हुए पराये हो
Mere Dil Mein Rehte Ho Tum, Saanso Mein Samaye Ho Fir Kyun Aankho Ko Ashq Dekar, Huye Paraye Ho
मेरे अश्कों में बहता है वो मेरे दिल में रहता है वो ना जाने फिर भी मुझसे दूर क्यों रहता है वो
Mere Ashqon Mein Behta Hai Woh Mere Dil Mein Rehta Hai Woh Naa Jane Fir Bhi Mujhse Door Kyun Rehta Hai Woh
रोज़ रात जब याद उसकी आने लगती है यह आँखें खामोशी से अश्क़ बहाने लगती है एक वो ही था जिसे मानते थे हम अपना उसके सिवाए सब लोग बेगाने लगते है
Rozz Raat Jab Yaad Uski Aane Lagti Hai Yeh Aankhein Khamoshi Se Ashq Bahane Lagti Hai Ek Woh Hi Tha Jise Mante The Hum Apna Uske Sivaye Sab Logg Begane Lagte Hai
जब भी मेरे दिल में उसकी याद आती है फिर पूरी रात आँखें अश्क़ बहाती है
Jab Bhi Mere Dil Mein Uski Yaad Aati Hai Fir Poori Raat Aankhein Ashq Bahati Hai
वक़्त की तरह कुछ ऐसे गुज़र गया वो शख्स के ना दिल टूटने की आवाज़ हुई ना दर्द बस अश्कों के दरिया सा खामोशी से बह गया
Waqt Ki Tarah Kuch Aise Guzar Gaya Woh Shaks Ke Naa Dil Tootne Ki Awaaz Huyi Naa Dard Hua Bas Ashkon Ke Dariya Sa Khamoshi Se Beh Gaya
अब तो अश्क़ भी सुख जाने लगे हैं मगर आज भी हम उन्हें भूल जाने लगे हैं बहुत कोशिश करके देख ली भूलने की मगर अब सबको अलविदा कह जाने लगे हैं
Ab Toh Ashq Bhi Sookh Jane Lage Hai Magar Aaj Bhi Hum Unhe Bhool Jane Lage Hai Bahut Koshish Karke Dekh Li Bhulne Ki Magar Ab Sabko Alvida Keh Jane Lage Hai
उनकी आँखों में छाई नमी ने हमें उसके दर्द से वाकिफ कराया बहुत पूछना चाहा क्यों उदास है वो पर उन्होंने एक लफ्ज़ ना बताया
Unki Aankhon Mein Chhayi Nami Ne Humein Uske Dard Se Wakif Karaya Bahut Puchna Chaha Kyun Udas Hai Woh Par Unhone Ek Lafaz Naa Bataya
अश्क़ों पर शायरी | Ashqon Par Shayari
अश्कों को लफ़्ज़ों में समझाया नहीं जाता बहते अश्कों का दर्द जुबान से बताया नहीं जाता
Ashqon Ko Lafzon Mein Samjhaya Nahi Jata Behte Ashqon Ka Dard Zuban Se Bataya Nahi Jata
समझ सको तो पढ़ लो बहते अश्कों को जिसके लिए बहते हैं हर अश्क़ पर उसका नाम लिखा है
Samjh Sako Toh Padh Lo Behte Ashqon Ko Jiske Liye Behte Hai Har Ashq Par Uska Naam Likha Hai
वो रोये इतना कि हम जा नहीं पाए उसके बहते अश्कों ने हमें उनके इश्क़ में डूबा दिया
Woh Roye Itna Ki Hum Jaa Nahi Paaye Uske Behte Ashqon Ne Humein Unke Ishq Me Dubaa Diya
उसके बहते अश्कों ने मुझे भिगो दिया उसके लफ़्ज़ों ने मुझे झंझोर दिया मज़बूरी थी उसे छोड़ कर आना मेरी मगर छोड़ कर आया तो मैं भी रो दिया
Uske Behte Ashqon Ne Mujhe Bhigo Diya Uske Lafzon Ne Mujhe Jhakjhor Diya Mazboori Thi Usey Chhod Kar Aana Meri Magar Chhod Kar Aaya Toh Main Bhi Ro Diya
जो आँखों से ना बहाये गए उन्हीं अश्कों के अल्फ़ाज़ बनाये गए
Jo Aankhon Se Naa Bahaye Gaye Unhi Ashqon Ke Alfaaz Banaye Gaye
जिसे देखो अपनी दर्द भरी कहानी सुनाता है जिसने भी इश्क़ किया वो यादों में अश्क़ बहाता है
Jise Dekho Apni Dard Bhari Kahani Sunata Hai Jisne Bhi Ishq Kiya Woh Yaadon Mein Ashq Bahata Hai
अश्क़ बन तेरी आँखों में बस जाता हूँ फिर जुदाई के डर से कभी तू रो ना पाए तेरे रोने से अश्क़ के साथ बह जुदा हो जाऊंगा यह सोच कर तू कभी अश्क़ ना बहाये
Ashq Ban Teri Aankhon Mein Bas Jaata Hu Fir Judaai Ke Darr Se Kabhi Tu Ro Na Paaye Tere Rone Se Ashq Ke Sath Beh Judaa Ho Jaunga Yeh Soch Kar Tu Kabhi Ashq Naa Bahaye
इश्क़ मोहब्बत के नाम से आँखों में नमी आ जाती है वफ़ा की बातें उस बेवफा कि याद दिला जाती है
Ishq Mohabbat Ke Naam Se Aankhon Mein Nami Aa Jaati Hai Wafa Ki Baatein Us Bewafa Ki Yaad Dilaa Jati Hai
तुम अश्कों को छुपा कर बहा लेते हो जुदा होकर कैसे दर्द को छुपा लेते हो
Tum Ashqon Ko Chhupa Kar Baha Lete Ho Judaa Hokar Kaise Dard Chhupa Lete Ho
2 Lines Ashq Shayari
मेरे अश्कों में भी तेरा हिस्सा हो गया है इन अश्कों का बहना, रोज़ का किस्सा हो गया है
Mere Ashqon Mein Bhi Tera Hissa Ho Gaya Hai In Ashqon Ka Behna, Roz Ka Kissa Ho Gaya Hai
अकेलेपन को हम ऐसे गुज़ारा करते हैं अश्क़ बहाकर उसे वापिस पुकारा करते हैं
Akelepan Ko Hum Aise Guzara Karte Hai Ashq Bahakar Usey Wapas Pukara Karte Hai
आ जाओ लौट कर और इन आँखों से अश्क़ हटा दो भूल चुका है यह चेहरा हँसना इसे थोड़ा हँसा दो
Aa Jao Laut Kar Aur In Aankhon Se Ashq Hataa Do Bhool Chuka Hai Yeh Chehra Hasna Isey Thoda Hasa Do
उन्होंने दौलत के पीछे प्यार खो लिया हमने उनके प्यार में खुद को अश्कों से भिगो लिया
Unhone Daulat Ke Peeche Pyar Kho Liya Humne Unke Pyar Mein Khud Ko Ashqon Se Bhigo Liya
मैं पूरी ज़िंदगी अश्क़ बहाता रहूंगा गर वो लौट कर आये मेरे अश्क़ बहाने से
Main Poori Zindagi Ashq Bahata Rahunga Agar Woh Laut Kar Aaye Mere Ashq Bahane Se
बहुत लोगों ने चाहा लेकिन कोई रुला ना पाया अपनों के सिवा इन आँखों में कोई अश्क़ ला ना पाया
Bahut Logon Ne Chaha Lekin Koi Rulaa Na Paaya Apno Ke Sivaa In Ankhon Mein Koi Ashq Laa Na Paya
मेरी आँखों से गर्मी के मौसम में भी बरसात रुकती नहीं यह गम बेमौसम अश्क़ छलकाया करता है
Meri Ankhon Se Garmi Ke Mausam Mein Bhi Barsaat Rukti Nahi Yeh Gam Bemausam Ashq Chhalkaya Karta Hai
दिल में हर रोज़ सवाल आता है उसके लिए यह आखिर अश्क़ क्यों बहाता है बहुत लोग चाहते हैं इस दिल को लेकिन यह सिर्फ उस बेवफा को ही क्यों चाहता है
Dil Mein Har Roz Sawal Aata Hai Uske Liye Yeh Akhir Ashq Kyun Bhata Hai Bahut Logg Chahte Hai Is Dil Ko Lekin Yeh Sirf Us Bewafa Ko Hi Kyun Chahta Hai
आँखों से अश्कों के साथ इश्क़ बहाता हूँ रोज़ उसकी यादों को रो कर भुलाता हूँ
Ankhon Se Ashqon Ke Sath Ishq Bahata Hu Roz Uski Yaadon Ko Ro Kar Bhulata Hu
अश्कों की क्या बात करते हो साहब पूरी रात छलकते है एक बेफवा के लिए
Ashqon Ki Kya Baat Karte Ho Sahab Poori Raat Chhalakte Hai Ek Bewafa Ke Liye
आशिकी कर अश्क़ बहाने पड़ते हैं पलक झपकते ही दिल में बसने वालों को भुलाने के लिए ज़माने लगते हैं
Aashiqui Kar Ashq Bahane Padte Hai Palak Jhapakate Hi Dil Mein Basne Walo Ko Bhulane Ke Liye Zamane Lagte Hai
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