सर्दी पर शायरी | 20+ Romantic Sardi Shayari In Hindi | Best Winter Shayari
Sardi Shayari (Winter Shayari) : दोस्तों ठंड का मौसम आ गया है लम्बा समय गर्मी बर्दाश्त करने के बाद जब यह ठंड का सुहाना मौसम आता है तो दिल में एक नई सी लहर पैदा हो जाती है भारत में इस मौसम में शादियों का दौर भी बढ़ जाता है कहा जाए तो यह वो मौसम है जब बहुत अधिक गिनती में दो दिलों का मेल होता है।
आज हम इस सर्दी के मौसम पर शायरी पेश कर रहे हैं जिसे आप आपने चाहने वालों से शेयर कर सकते हो।।।
सर्दी पर शायरी | 20+ Romantic Winter Shayari In Hindi | Sardi Shayari
अपना समझो या बेगाना अपना समझो या बेगाना इस लिए यह बता रहा हूँ ठंड आ गयी है अब रोज़ मत नहाना
Apna samjho ya begana Apna samjho ya begana Is liye yeh bataa raha hu Thand aa gayi hai ab roz mat nahana
बदन ठंडा सा पड़ रहा है सांस थम सी गयी है इस सर्दी के मौसम में शायरी जम सी गयी है
Badan thanda sa padd raha hai saansein tham si gayi hai Is sardi ke mausam mein shayari jam si gayi hai
सर्दी पड़ने लगी है महफ़िल जमने लगी है दोसत इकठा हुए हैं अब बोतल खुलने लगी है
Sardi padne lagi hai mehfil jamne lagi hai Dost ikatha huye hai ab botal khulne lagi hai
जब छोड़ कर गयी वो तब सर्दी की रातें थी मुझे आज भी रज़ाई में उसकी कमी खलती है
Jab chhod kar gayi woh tab sardi ki raate thi Mujhe aaj bhi rajayi mein uski kami khalti hai
Winter season Shayari In Hindi
वो दिन आ गए जब लोग ठंड से कंपकपाने लगते है इन सर्दियों में अक्सर दो दिल ज़्यादा करीब आने लगते हैं
Woh din aa gaye jab logg thand se kapkapane lagte hai In sardiyon mein aksar do dil jyada kareeb aane lagte hai
कर दो प्यार का इज़हार शर्माओ मत सर्दी के मौसम में दूर रहकर तड़पाओ मत
Kar do pyar ka izhar sharmao mat Sardi ke mausam mein door reh kar tadpao mat
क्या कहा छोड़ कर जाना चाहती हो जाओ तुम बिन भी हम जी लेंगे इन सर्दियों में तू ना रही मेरे साथ तो हम बोतल खोलेंगे और पी लेंगे
Kya kaha chhod kar jaana chahti ho Jaao tum bina bhi jee lenge In sardiyon mein tu naa rahi mere sath to Hum botal kholenge aur pee lenge
यह सर्दी आपके आने से ही खत्म होगी दारू और रज़ाई हर सर्दी को दूर नहीं करते
Yeh sardi aapke aane se hi khatam hogi Daaru aur rajayi har sardi toh door nahi karte
ठंड पर शायरी Thand Par Shayari
दिसंबर की रातों में सर्दी बढ़ने लगती है अकेले सोते हुए तेरी यादें ज़हन में चलने लगती है समझा लेते हैं दिल को बहुत बार लेकिन इस ठंड में तुझे पाने की इच्छा जगने लगती है
December ki raaton mein sardi badhne lagti hai Akele sote huye teri yaadein zahan mein chalne lagti hai Samjha lete hai dil ko bahut baar lekin Is thand mein tujhe paane ki ichha jagne lagti hai
जैसे जैसे सर्दियां आने लगती है हमें उसकी यादें सताने लगती है सर्दी की रात थी जब छोड़ गई थी वो बीती बातें तड़पाने लगती है
Jaise jaise sardiyan aane lagti hai Humein uski yaadein satane lagti hai Sardi ki raat thi jab chhod gayi thi Woh beeti baatein tadpane lagti hai
मैं तुझे हमेशा के लिए अपना बनाना चाहता हूँ बहुत मिल लिया छुप छुप कर अब अपनी दुल्हन बनाना चाहता हूँ मैं इस सर्दियों में शादी कर तुझे घर लाना चाहता हूँ
Main tujhe humesha ke liye apna banana chahta hu Bahut mill liya chhup chhup kar Ab apni dulhan banane chahta hu Main is sardiyon mein shadi kar tujhe ghar lana chahta hu
बिस्तर से जल्दी उठा नहीं जाता है जब भी यह सर्दी का मौसम आता है रजाई और कम्बल दिल को लुभाता है जब यह सर्दी का दौर आता है
Bistar se jaldi utha nahi jaata hai Jab bhi yeh sardi ja mausam Aata hai Rajayi aur kambal dil ko lubhata hai Jab is sardi ka daur aata hai
Romantic Mausam Shayari
जब भी सर्दी का मौसम आने लगता है हमारे दिल को यह लुभाने लगता है
Jab bhi sardi ka mausam aane lagta hai Humare dil ko yeh lubhane lagta hai
जो भी मांगना चाहो मांग लो हमसे सब तुम पर कुर्बान कर जाएंगे बस एक मांगना ना हमसे रजाई इस सर्दी के मौसम में यह ना कर पाएंगे
Jo bhi mangna chaaho maang lo humse Sab tum par qurban kar jayenge Bas ek mangna naa humse rajayi Is sardi ke mausam me yeh naa kar payenge
ठंडे मौसम में हमने मिलकर आग लगाई थी जब तू मुझसे मिलने मेरे पास आई थी ठंड में भी गर्मी का एहसास होने लगा था जब तू कस कर आपने सीने से लगाई थी
Thande mausam mein humne milkar aag lagayi thi Jab tu mujhse milne mere paas aayi thi Thand mein bhi garmi ka ehsas hone laga tha Jab tu kas kae apne seene se lagayi thi
ठंड से तड़पते जिस्म को तूने सहारा दिया था जब सीने से लिपट तुमने प्यार का इज़हार किया था सीने से लिपट तुमने आग लगा डाली थी मर चुके इस जिस्म में चिंगारी जला डाली थी
Thand se tadap rahe jism ko tune sahara diya tha Jab seene se lipat tumne pyar ka izhaar kiya tha Seene se lipat tumne aag lagaa daali thi Marr chuke is jism mein chingari jalaa dali thi
तेरे साथ जीना और इस ठंड के मौसम में तेरे हाथ कि चाय पीना, बस यही दो ख्वाब है हमारे
Tere saath jeena aur is thand ke mausam mein Tere haath ki chai peena, bas yahi do khawab hai humare
सर्दियों का मौसम कब आता है?
अक्टूबर महीने से सर्दियों की शुरुआत हो जाती है, और नवंबर के बाद दिसंबर आते आते सर्दी अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाती है और यह लगभग मार्च तक रहती है इसके बाद धीरे धीरे ठंड कम होने लगती है।
Dosto Kaisi Lagi Aapko Yeh Romantic Sardi Shayari Comment Kar Ke Jarur Batayen…
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